1857 की क्रांति (भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम)
1857 का विद्रोह - परिचय
1857 ई. में भारत में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध एक बड़ा सशस्त्र विद्रोह हुआ। हुआ, जब भारतीय सिपाही विद्रोह कर बैठे। यह दुनिया के इतिहास में एक बड़ा विद्रोह था, जिसका प्रभाव बहुत व्यापक रहा।
अंग्रेजों के खिलाफ अधम उर्दू में मौलवी अहमदउल्ला थी। प्रसिद्ध उर्दू शायर मीरजा गालिब इस विद्रोह के समय दिल्ली में मौजूद थे। 1857 के विद्रोह का सरकारी लेखक सुरेन्द्रनाथ सेन थे।
1857
भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
1857 की क्रांति: भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
अंग्रेजों के खिलाफ अधम उर्दू में मौलवी अहमदउल्ला थी। प्रसिद्ध उर्दू शायर मीरजा गालिब इस विद्रोह के समय दिल्ली में मौजूद थे। 1857 के विद्रोह का सरकारी लेखक सुरेन्द्रनाथ सेन थे।
राजनीतिक विद्रोह
कंपनी शासन की अन्यायपूर्ण नीतियों के विरुद्ध विद्रोह
सैनिक विद्रोह
चर्बी वाले कारतूसों के विरोध से शुरू हुआ सैनिक विद्रोह
जन आंदोलन
व्यापक जन भागीदारी वाला स्वतंत्रता का संग्राम
महत्वपूर्ण तथ्य
- 1अहमद उल्ला शाह को 1857 के विद्रोह का प्रकाश स्तम्भ (Light House of Revolt) कहा जाता है, ये अयोध्या में गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक थे।
- 21857 के प्रतीक रोटी व कमल का फूल, उनके दिमाग की उपज थी। अंग्रेज मौलवी को जिंदा नहीं पकड़ सकते थे। 15 जून 1858 को पोवायन (शाहजहांपुर- उत्तर प्रदेश) के राजा जगन्नाथ सिंह ने धोखे से आमंत्रित किया और सिर काटकर अंग्रेजों को 50 हजार रुपये की लालच में सौंप दिया था।
- 31857 के विद्रोह के ठीक बाद नील विद्रोह हुआ था, यह पं. बंगाल के नदिया जिले के गोविन्दपुर गांव में हुआ। इसी पर आधारित पुस्तक नील दर्पण के लेखक दीनबन्धु मित्र थे।
- 41857 के विद्रोह के समय बैरकपुर (पं. बंगाल) में ब्रिटिश कमांडिंग ऑफिसर-इन-जनरल, सर जॉन जैक्सन हैरस थे।
- 5विश्व के सबसे पुराने भाप इंजन फेरवे क्वीन ट्रेन का उपयोग 1857 के विद्रोह में सैनिकों के आवागमन के लिए किया गया था।